Tuesday, March 20, 2018

1) मन ही मनुष्य को स्वर्ग या नरक में बिठा देता है। स्वर्ग या नरक में जाने की कुंजी भगवान ने हमारे हाथ में दे रखी है। – स्वामी शिवानन्द / Swami Shivanand


2) अपनी नम्रता का गर्व करने से अधिक निंदनीय और कुछ नहीं है। – मारकस औरेलियस
“मनुष्य तो दुर्बलताओं की प्रतिमा है जिसमें देवत्व और दानवत्व दोनों का ही समावेश है।”
4) भगवान ने मनुष्य को अपने ही समान बनाया, पर दुर्भाग्य से इन्सान ने भगवान को अपने जैसा बना डाला। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
5) मानव का दानव होना उसकी हार है। मानव का महामानव होना उसका चमत्कार है और मनुष्य का मानव होना उसकी जीत है। – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन / Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
6) माँ के ममत्व की एक बूंद अमृत के समुद्र से ज्यादा मीठी है। – जयशंकर प्रसाद /Jaishankar Prasad
7) तुम ये कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना तो सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; की, ये कहना तुम निर्बल हो या अन्य लोग निर्बल हैं। – स्वामी विवेकानंद / Swami Vivekananda
“निरंतर विकास जीवन का एक नियम है। और जो भी व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को एक गलत स्थिति में पंहुचा देता है।”
9) जब तक हम खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक हम भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते। – स्वामी विवेकानंद / Swami Vivekananda
10) जो पुत्र पैदा ही न हुआ हो अथवा पैदा होकर मृत हो अथवा मुर्ख हो। इन तीनों में पहले दो ही बेहतर हैं। न की तीसरा, कारण यह है की प्रथम दोनों तो एक बार ही दुःख देते हैं। जबकि तीसरा पद-पद दुःखदायी होता है। – हितोपदेश.
11) मृत्यु वह सोने की चाभी है, जो अमरत्व के भवन को खोल देती है। – मिल्टन / Militant
12) मेरी खुद की अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
13) मौन वार्तालाप की एक महान कला है। – हैजलट
14) अपने रहस्य को किसी को मत बताओ, ये आदत आपको ख़त्म कर देंगी। – चाणक्य सुविचार
“आप अगर ऐसा सोचते हो, की सब कुछ अच्छा होगा, तो जरुर वाही होगा।
16) वह जो अपने प्रियजनों से अत्यधिक जुड़ा हुआ है। उसे चिंता और भय का सामना करना पड़ता है। क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है। इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ दीजिये। – चाणक्य अच्छे विचार
17) सुंदर विचार जिनके साथ हैं। वे कभी एकांत में नहीं हैं। – सर पी. सिडनी / Sir P. Sidney
18) विद्या के अलावा और कोई ज्ञान नहीं है। – थामस फुलर / Thomas Fuller
19) जैसे सूर्य सबको एक-सा प्रकाश देता है। बरसात सबके लिए बरसती है। उसी तरह विद्यावृष्टि सब पर बराबर होनी चाहिए। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
20) एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी तरह बेकार है जैसे कुत्ते की पूँछ होती है। जो ना उसके पीछे का भाग ढकती है। ना ही उसे कीड़े-मकौडों के डंक से बचाती हे। – चाणक्य सुविचार / Chanakya quotes
21) “कृत्रिम सुख की बजाये, हमेशा ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।” – Abdul Kalam / अब्दुल कलाम
22) आप अभी वो हैं जो आप रह चुके हैं। आप बाद वो होंगे जो आप अभी करेंगे। – भागवान बुद्ध / Lord Buddha
23) युद्ध के लिए तैयार रहना शांति स्थापित रखने के लिए एक बहुत प्रभावशाली साधन है। – वाशिंग्टन / Washington
“शिक्षा का महानउद्देश्य ज्ञान नहीं, कर्म है।”
25) सज्जनों का यह लक्षण है कि वे सदैव दया करनेवाले और करुणाशील होते हैं। – महाभारत / Mahabharat
26) सज्जन पुरुष की वास्तविक परिभाषा यही है कि वह कभी किसी पुरुष को पीड़ीक नहीं करता। – सी. न्यूमैन
27) हम यहाँ किसी विशेष कारण से हैं। इसीलिए अपने भूत का कैदी बनना छोड़िये। अपने भविष्य के निर्माता बनिए। – रोबिन शर्मा / Robin Sharma
28) जो लोंग मन को नियंत्रित नहीं करते। उनके लिए मन शत्रु के समान कार्य करता है। – श्रीमद्भगवद्गीता / Srimadbhagwadgita
29) बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, सबसे आगे सोचो, विचारों पर किसी का भी एकाधिकार नहीं है। – धीरूभाई अंबानी / Dheerubhai Ambani
30) अपना बोझ दुसरे पर न लादना और बिना संकोच दान करना बड़े साहस का काम है। – जुन्नेद / Junaid
31) छोटी चीजों में बारे हमेशा वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित होती है। – मदर टेरेसा / Mother Teresa quotes
32) बेहतर यही होगा कि आप कोशिश करें शायद इसमे आप नाकामयाब हो जाएं और उससे कुछ सीखें बजाये इसके की आप कुछ करें ही नहीं। – मार्क जकरबर्ग / Mark Zuckerberg
33) गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। – सरदार वल्लभभाई पटेल / Sardar Vallabhbhai Patel
34) सेवा से शत्रु भी मित्र हो जाता है। – वाल्मीकि / Valmiki
35) यदि कोई दुर्बल मानव तुम्हारा अपमान करे तो उसे क्षमा कर दो, क्योंकि क्षमा करना ही वीरों का काम है। परंतु यदि अपमान करने वाला बलवान हो तो उसको अवश्य दण्ड दो। – गुरु गोविन्दसिंह / Guru Gobind Singh
“क्षमा से क्रोध को जीतो, भलाई से बुराई को जीतो, दरिद्रता को दान से जीतो और सत्य से असत्यवादी को जीतो।”
37) दानी कभी दुःख नहीं पाता, उसे कभी पाप नहीं घेरता। – ॠग्वेद / Rigved
38) कोई इन्सान दो आदमियों की एकनाथ खिदमत नहीं कार सकता; चाहे प्रभु की उपासना कर लो, चाहे कुबेर की। – बाइबिल / Baibal
39) न्याययुक्त व्यवहार करना, सौंदर्य से प्रेम करना तथा सत्य की भावना को ह्रदय में धारण करके विनयशील बने रहना ही सबसे बड़ा धर्म है। – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन / Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
40) दोष निकलना सुगम है, उसे अच्छा करना कठिन। – प्लूटार्क / Plutarch
41) गुरु का भी दोष कह देना चाहिए। – स्वामी रामतीर्थ / Swami Ramtirth
42) धीरज सारे आनंदों और शक्तियों का मूल है। – फ्रैंकलिन / Franklin
“धैर्य कडुवा होता है, पर उसका फल मीठा होता है।”
44) असफलता नहीं, अपितु निकृष्ट ध्येय ही अपराध है। – जे. आर. लावेल
45) महान ध्येय का मौन में ही सृजन होता है। – साने गुरूजी / Sane Guruji
46) नम्रता पत्थर को भी माँ कर देती है। – प्रेमचन्द / Premchand
47) नम्रता सारे सद्गुणों का दृढ़ स्तम्भ है।- कन्फ्युशन / Confucius
48) मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है। – रवीन्द्रनाथ ठाकुर / Rabindranath Thakur
49) नारी शांति की प्रतिमा है, उसे उच्च पद से नीचे गिराना केवल जंगलीपन है। – रफोडियस
50) विश्व में कोई वस्तु इतनी मनोहर नहीं। जितनी कि सुशील और सुंदर नारी। – Hant
Note: अगर आपके पास अच्छे नए विचार हैं तो जरुर कमेन्ट के मध्यम से भजे अच्छे लगने पर हम उस 50 सुविचार – अच्छे विचार / Achhe Vichar इस लेख में शामिल करेगे।
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