ऐसा जीवन जियो कि अगर कोई आपकी बुराई भी करे तो कोई उस पर विश्वास ना करे।...
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी! फिर क्यों उसे "चाँद" और मुझे "आवारा" कहते है लोग?
*जिनके पास अपने हैं*,
*वो अपनों से झगड़ते हैं*...
*जिनका कोई नहीं अपना*,🍁
*वो अपनों को तरसते हैं*..।
*कल न हम होंगे न गिला होगा।*
*सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा।*🍁
*जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।*
*जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।*
🌻*सुप़भात*🌻
।।।।आपका दिन शुभ और मंगलमय हो ।।।।
*"न मैं गिरा,और न मेरी*
*उम्मीदों के मीनार गिरे..!*
*पर.. लोग मुझे गिराने मे*
*कई बार गिरे...!!"*
*सवाल जहर का नहीं था*
*वो तो मैं पी गया,*
*तकलीफ लोगों को तब हुई,*
*जब मैं फिर भी जी गया.*
*जब कोई “हाथ” और“साथ”*
*दोनों ही छोड़ देता है,*
*उम्मीदों के मीनार गिरे..!*
*पर.. लोग मुझे गिराने मे*
*कई बार गिरे...!!"*
*सवाल जहर का नहीं था*
*वो तो मैं पी गया,*
*तकलीफ लोगों को तब हुई,*
*जब मैं फिर भी जी गया.*
*जब कोई “हाथ” और“साथ”*
*दोनों ही छोड़ देता है,*
*तब “कुदरत” कोई न कोई*
*उंगली पकड़ने वाला भेज देता है,*
*इसी का नाम “जिदंगी” है...!! 👏👏 👏👏
सु प्रभात
*उंगली पकड़ने वाला भेज देता है,*
*इसी का नाम “जिदंगी” है...!! 👏👏 👏👏
सु प्रभात
*वो कागज की दौलत ही क्या*
*जो पानी से गल जाये और*
*आग से जल जाये*
*दौलत तो दुआओ की होती हैं*
*न पानी से गलती हैं*
*न आग से जलती हैं...*
*आनंद लूट ले बन्दे,*
*प्रभु की बन्दगी का।*
*ना जाने कब छूट जाये,*
*साथ जिन्दगी का।।*
*"ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है..*
*"महंगी घड़ी" सबको दे देना*
*लेकिन.....*
*"मुश्किल घड़ी" किसी को न देना*
*जो पानी से गल जाये और*
*आग से जल जाये*
*दौलत तो दुआओ की होती हैं*
*न पानी से गलती हैं*
*न आग से जलती हैं...*
*आनंद लूट ले बन्दे,*
*प्रभु की बन्दगी का।*
*ना जाने कब छूट जाये,*
*साथ जिन्दगी का।।*
*"ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है..*
*"महंगी घड़ी" सबको दे देना*
*लेकिन.....*
*"मुश्किल घड़ी" किसी को न देना*
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