Saturday, March 31, 2018

01 *ऐ मेरे मलिक !!!* *आशीर्वाद की वर्षा करते रहो l*



02    *एक दिन उम्र ने तलाशी ली,*
   *तो जेब से लम्हे बरामद हुए*

       *कुछ ग़म के थे,_*
        *कुछ नम से थे,_*
      *कुछ टूटे हुए थे,_*

          *जो सही सलामत मिले..*

            *वो बचपन के थे..!!*
*तब"खिलौने जिंदगी"थे*
*आज "जिंदगी खिलौना" है*
  
*🍀🍀🙏🏿🙏🏿शुभ प्रभात🙏🏿🙏🏿🍀🍀*



*किसी का सरल स्वभाव*
    *उसकी कमज़ोरी नहीं होता है*
         *उसके संस्कार होते है*
💐 💐"सुप्रभात"💐 💐


  03*ग्रुप के समस्त ब्राम्हणों से अनुरोध है कि  पूरा संदेश पढें और एक ब्राह्मण को भेजे*

*सभी ब्राह्मणों के लिए अति महत्वपूर्ण कर्म*

1- ईश्वर की आराधना एवं पूजा पाठ
2.जनेऊ धारण करना ।
3.,नित्य स्नान ।
4.गऊ पूजा।  
5.प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों एवं शास्त्रों का अनुशीलन  ।
6.सदाचार आचरण ।
7.मांसाहार और मदिरा से दूर रहें ।
8  अपने बच्चो को शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दें।
9.धूम्र पान से दूर रहें ।
10.महिलाओ का सम्मान करें ।
11.झूठ का परित्याग करें ।
12.मीठी वाणी बोलें मृदुभाषी बनें  ।
13-सनातन हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करें ।
14- आरक्षण का पुरेजोर विरोध करें ।  
15 - ब्राह्मणों का यथासम्भव सहयोग करें ।
16 - अपने ब्राह्मण जाति के प्रति विशेष स्नेह एवं आत्मीयता का भाव प्रदर्शित करें।  
17- ब्राह्मण लड़के/लड़कियाँ अन्तर्जातीय (अन्य जाति में) एवं विधर्मियों के साथ विवाह से बचें ।
18-  ब्राह्मण लड़के/लड़कियाँ अन्य जाति में प्रेम से बचें।
19- किसी दूसरी जाति या धर्म की बुराई न करें ।
20- अधिक से अधिक दोस्ती ब्राह्मणों से करने की कोशिश करें।
21- ब्राह्मण हमेशा गुटों में रहें चाहे कालेज हो,सरकारी/गैरसरकारी प्रतिष्ठान हो अथवा फिर अपनी सोसाइटी ।
22 - ब्राह्मण अपने समाज की कुरीति दहेज प्रथा से बचें।
23-सम्पन्न ब्राह्मण गरीब ब्राह्मणों की सहयता करें।
24.- डाक्टर एवं अधिवक्ता ब्राह्मण,गरीब ब्राह्मणों से फ़ीस ना लें या कम लें तथा ब्राह्मण शिक्षक गरीब ब्राह्मण बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करें ।
26. हलो हाय की जगह जय श्री परशुराम अथवा हरि 🕉 अथवा जय श्री राम बोलें।

 सहमत हों तो ज्यादा से ज्यादा ब्राह्मणों को शेयर करें या एक ब्राह्मण को तो जरूर शेयर करें

ब्राह्मण हित और ब्राह्मण एकता पर काम करते रहैं ।

*जय श्री परशुराम*



04 *🌿आज का विचार🌿*
*शीशा गलती से टूट जाता है और...*
*रिश्ता ग़लतफ़हमियों से...*
*रिश्तो में ग़लतफ़हमियां ना आने दें क्योंकि...*
*जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक होती है...*
*जबकि जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती है...*
😊🍀🙏🌹💐🌹🙏🍀😊
  *""खुश रहिये सदा मुस्कुराते रहिये""*
          *🌹हँसते रहिये हंसाते रहिये🌹*
                    🐚☀🐚
                *🐾स्नेह वंदन🐾 *       
                🌹🌹🌹🌹🌹
     *😊🍀🙏शुभ प्रभात🙏🍀😊* *आपका दिन शुभ और मंगलमय हो*





05 *यक़ीन करना सीखो..*
*शक तो सारी दुनिया*
*करती है...!*
       *और जब लेती है तो,*
       *लिहाज नहीं  करती*
  *दुनिया  में दो ‘पौधे’  ऐसे हैं*
       *जो कभी मुरझाते नहीं*
                    *और*
       *अगर जो मुरझा गए तो*
      *उसका कोई इलाज नहीं।*
      *पहला –* *‘नि:स्वार्थ प्रेम’*
              *और*
     *दूसरा –* *‘अटूट       विश्वास’* ।।
        *Good morning*
*🍀शुभ प्रभातम्🍀*




*फिर भी लोगो को वह प्रिय नहीं है*
*कोयल किसी को धन नहीं देती*
*फिर भी लोगो को वह प्रिय है*

*फर्क सिर्फ मीठी बोली का है*
*जिससे सब अपने बन जाते है*
🌹💞💝👏👏🙊🌹
*आँखे बंद करने से..*
     *मुसीबत नहीं टलती .!*
                 *और .*
      *मुसीबत आए बिना ..*
       *आँखे नहीं खुलती...*

    *छल* में बेशक *बल* है
                 लेकिन
 *प्रेम * में आज भी *हल* है..
🌴  🌹💞💝
   *🌹माना कठिनाई आने से आदमी अकेला हो जाता है,*

          _*🌹कभी टूटते हैं,*_
      _*तो कभी बिखरते हैं…*_
      _*विपत्तियों में इन्सान,*_
       _*ज्यादा निखरते हैं…*_
🙏 सुप्रभात 🙏

*दो बातों की गिनती करना छोड़ दीजिए*.....

*खुद का दुख......*
*दूसरों का सुख....*

*जिन्दगी आसान हो जाएगी*

      *🙏🏻सुप्रभात🙏🏻*

Saturday, March 24, 2018

Spiritual Thoughts In Hindi Languag

                आध्यात्मिक महान विचार  


   आँख के बदले आँख पूरे विश्व को अंधा बना देगी – महात्मा गांधी

मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय | परन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वे मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूं – भगवत गीता
                                        




मैं तुम्हें एक नया उपदेश देता हूँ: एक दूसरे से प्यार करो, जैसे मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुम एक दूसरे से प्यार करो – ईसा मसीह

मन में असंतोष है और उसे नियंत्रित करना मुश्किल है, लेकिन अभ्यास से यह वश में किया जा सकता है – भागवत गीता

सभी अच्छे बुरे काम छोड़कर बस मुझमें पूरी तरह से समर्पित हो जाओ, मैं तुम्हारे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा – भगवत गीता

अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानियों और बच्चों की तरह बनें, जीवन को मजे के रूप में लीजिये, क्योंकि सही मायने में यही जीवन है – ओशो

हर जो भी कार्य करते हैं, शरीर की हर हरकत, हर एक चलन, हमारी सोच का हर एक विचार, हमारे मन पर एक अनोखी छाप छोड़ जाता है। – स्वामी विवेकानंद

हम जो हैं, उसका ज़िम्मेदार हम खुद हैं और जो हम बनना चाहते हैं, वो बनने की शक्ति हम अपने अंदर रखते हैं – स्वामी विवेकानंद

हर आत्मा, परमात्मा का हीं अंश है. और हर आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना है.
हमें अपने हर कर्म का फल भोगना हीं पड़ता है. चाहे अच्छे कर्मों के फल हों या बुरे कर्मों के फल. कुछ कर्मों के फल तुरंत मिल जाते हैं, तो कुछ कर्मों के फल भविष्य में मिलते हैं.

ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज न होना क्योंकि ईश्वर वह नहीं देता जो आपको अच्छा लगता हैं बल्कि वह देता हैं जो आपके लिये हमेशा अच्छा हैं

मूर्ख दूसरों पर हंसते हैं, बुद्धिमान खुद पर – ओशो

बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में नहीं होता – भागवत गीता

वह जिस वक़्त मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता हैं, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है – भगवत गीता

जो केवल प्रभु-प्रभु की रट लगाता है, वह नहीं, लेकिन वह उस परम पिता की इच्छानुसार कार्य करता है वह धार्मिक है। – स्वामी विवेकानंद

हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म की पूर्ण समन्वय लक्ष्य रखें, हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने के लक्ष्य रखें, सब कुछ ठीक हो जाएंगे – महात्मा गांधी

यदि आप उनसे प्यार करते हो, जो तुमसे प्यार करते हो, तो क्या आपको ये श्रेय मिल जाएगा? क्योंकि पापी भी उससे प्यार करता है जो उनसे प्रेम करता है – ईसा मसीह

एक सच्चे सैनिक को सेना और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रूर होती है – सुभाष चंद्र बोस

सार्थक और प्रभावी उपदेश वह हैं जो अपनी वाणी से नहीं अपने आचरण से प्रस्तुत किया जाता हैं.

क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है – अल्बर्ट आइंस्टीन


जो अनभिज्ञ है कि वे अंधेरे में चल रहे हैं वे कभी प्रकाश की खोज करेंगे – ब्रूस ली

सत्याग्रह बल से नहीं, हिंसा का त्याग से होता है – महात्मा गांधी

जिस दिन अंतर मिट जायेंगा पूजा और अजान में उस दिन सच्चा स्वर्ग बनेगा अपने हिंदुस्तान में.

नरक के तीन दरवाजे हैं: वासना, क्रोध और लालच – भगवत गीता


सत्य को बाहर पाया नहीं जा सकता है, कोई शिक्षक, कोई शास्त्र यह आपको नहीं दे सकता है, यह आपके अंदर है और यदि आप को सत्य प्राप्त करने की इच्छा है, तो स्वयं की सहायता करो – ओशो

मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया तुम्हे सुनेगी – महात्मा गांधी

हमारे कर्म जन्म-जन्मान्तर तक हमारे साथ चलते हैं.

सचमुच जीना दूसरों के लिए जीना है – ब्रूस ली

जो लोग अपनी सोच को बदल नहीं सकते हैं वे कुछ नहीं बदल सकते हैं – संदीप  माहेश्वरी

एक कृत्य से किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुकते हज़ार सिरों से बेहतर हैं – महात्मा गांधी


जीवन से प्रेम करने का अर्थ हैं भगवान से प्रेम करना.

वह जो हमारे चिंतन में रहता है, वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर हो सकता है लेकिन जो हमारे दिल में नहीं है, बहुत दूर होता है – चाणक्य

क्रोध से भ्रम पैदा होता हैं, भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती हैं जब बुद्धि भ्रष्ट होती हैं तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट हो जाता हैं तब व्यक्ति का पतन हो जाता हैं.

जिसे भगवान पर विश्वास नहीं है, वह खुद पर कभी विश्वास नहीं कर सकता है.

किसी में दो कदम एक साथ उठाने की हिम्मत नहीं है | एक समय पर एक ही कदम उठता है – ओशो

रोना सबसे ज्यादा भक्ति गीतों में से एक है, जो रोना जानता है,  वह साधना जानता है। यदि आप सच्चे दिल से रो सकेंगे, तो इससे प्रार्थना तुल्य कुछ भी नहीं है, रोने में योग के सभी सिद्धांत शामिल हैं -क्रिपलावानंद जी


उस रास्ते पर मत चलो जिस पर डर तूमहे ले जाए, बल्कि उस रास्ते पर चलो जहाँ प्यार ले जाए, उस रास्ते पर चलो जहाँ ख़ुशी आप को ले जाएंगे। – ओशो

त्याग दिये सब सपने कुछ अलग करने के लिये, राम ने बहुत कुछ खो दिया श्री राम बनने के लिये.

बुद्धिमान व्यक्ति का कोई शत्रु नहीं होता – चाणक्य

अगर तुम कल फिसलना नहीं चाहते तो आज सच बोल दो – ब्रूस ली


एक आदमी अपने  विचारों से बनता है, जो वह सोचता है, वो ही बनता है – महात्मा गांधी

हर कोई कहता हैं की ईश्वर नजर नहीं आता लेकिन सच तो यह हैं की संकट के समय कोई साथ नहीं देता तब किसी न किसी रूप में भगवान् ही साथ देता हैं.

अधूरा ज्ञान, ज्ञान देने वाले और ज्ञान लेने वाले दोनों को नुकसान पहुंचाता है.


क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं – महात्मा गांधी

अर्धसत्य… झूठ से भी ज्यादा खतरनाक होता है और यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है, उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है, क्योंकि सभी दुखों का मूल लगाव है। इसलिए खुश रहने के लिए लगाव छोड़ देना चाहिए – चाणक्य

एक भगवान हीं होते हैं, जो हमारा साथ कभी नहीं छोड़ते हैं. बाकि लोग तो हमारे जीवन में आते जाते रहते हैं.

भगवान उसका साथ जरुर देते हैं, जो दिल से उन्हें मदद के लिए पुकारता है.

भगवान को सिर्फ भक्ति से जाना जा सकता है, उसे जानने का कोई और तरीका नहीं है.


स्वास्थ्य ही असली धन है सोने और चांदी के टुकड़े नहीं – महात्मा गांधी


अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करता है, मैं व्यक्तिगत रूप से उनकी कल्याण की जिम्मेदारी लेता हूं – भगवत गीता


मानव जाति का एकमात्र लक्ष्य ज्ञान है – स्वामी विवेकानंद

हे अर्जन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं मुझे याद है, लेकिन तुम्हे नहीं हैं – भगवत गीता

राम के नाम में राम से ज्यादा शक्ति है.

शास्त्रों में दुनिया के हर आध्यात्मिक प्रश्न का उत्तर मौजूद है.

आप वे बन जाते हैं जो आप सोचते हैं – ओशो

कमजोर होना हीं सबसे बड़ा पाप है.

जब भक्ति भोजन में प्रवेश में करती हैं तो भोजन प्रसाद बन जाता हैं, जब भक्ति पानी में प्रवेश करती हैं तो वह पानी अमृत बन जाता हैं, जब भक्ति घर में प्रवेश करती हैं तो घर मंदीर बन जाता हैं, और जब वही भक्ति इंसान के मन में प्रवेश करती हैं तो वो इंसान भक्त बन जाता हैं.

जो मन को नियंत्रित नहीं करता है उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है – भगवत गीता


केवल मन ही किसी का दोस्त और शत्रु होता है – भागवत गीता
जो चीज तुम्हारी नहीं है, उसे पाने की कोशिश करना मूर्खता है. क्योंकि इस चक्कर में तुम उस चीज को भी खो दोगे, जो चीज तुम्हारी है.

डर विश्वास से विपरीत होता हैं जब हमें डर लगता हैं तब हम भगवान् तक ये संदेश भेजते हैं की हम उसपर विश्वास नहीं करते हैं.

भगवान को पाने का सिर्फ एक हीं तरीका है, और वो तरीका है, भक्ति.

चेतना तो सिर्फ मानसिक महासागर की सतह है, और इसकी गहराई में हमारे उम्मीदों को संचित किया जाता है – स्वामी विवेकानंद

सच्चाई कोई बाहरी खोज नहीं है, सच्चाई को अंदर से महसूस किया जाता है सच्चाई एक अंदरूनी अहसास है – ओशो

भगवान् के सामने जो इन्सान झुकता हैं वो सबको अच्छा लगता हैं, लेकिन जो सब के सामने झुकता हैं वो इन्सान भगवान् को अच्छा लगता हैं.

आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे मुश्किल परीक्षाएं हैं – सही समय की प्रतीक्षा करने के लिए धीरज और जो सामने आए उससे निराश नहीं होने का साहस। -पाउलो कोइल्हो

एक मनुष्य की सबसे सामान्य क्रियाओं को देखकर ही एक महापुरुष का चरित्र का अंदाज़ा लगा सकता है – स्वामी विवेकानंद

हमारा भाग्य हमारे हीं उन कर्मों का फल है, जिन कर्मों को हमने अतीत में किया है. उसी तरह हम आज जो कर्म कर रहे हैं, वो हमारे आने वाले कल को निर्धारित करेंगे.


कमजोर व्यक्ति कभी माफ नहीं कर सकता है, माफ करना मज़बूत व्यक्ति के गुणों में से एक है – महात्मा गांधी

                    आध्यात्मिक अनमोल विचार 


1 – भगवान् तो प्रेम के भूखे हैं, भूखे को भोजन खिलाओगे तो भगवान् खुश होगा.
2 – शास्त्रानुसार निन्दा सुनाने वाला भी उतना दोषी होता है, जितना की करने वाला.
3 – यदि ईश्वर है, तो हमें उसे देखना चाहिए, यदि आत्मा है, तो हमें उसकी प्रत्यक्ष अनुभूति कर लेनी चाहिए, अन्यथा उन पर विश्वास न करना ही अछी है | ढोंगी बनने की अपेक्षा नास्तिक बनना अच्छा है|


4 – ईश्वर का नाम सभी लेते है, परन्तु ईश्वर का नाम लेने से ह ईश्वर को पाया नहीं जा सकता.
5 – ईश्वर ने तुझे मानव शरीर दिया है.यही उचित समय है, जब तू भगवान को पा सकता है,तेरे अन्य सारे प्रयास व्यर्थ है, सत्संग में प्रवृत्त हो और ईश्वर का ही नाम ले.



6 – सत्संग की महान महिमा है – वह दुख घटाता है और पापों को काटता है और जीवन को सुधारता है.
7 – जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.
8 – कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, सत्य ही भक्ति है.
9 – कुरान भी अच्छी लगाती है मुझे, गीता का ज्ञान भी मेरा है…. मुझ पर बरसती है मेहरबानियाँ बहुत, अल्लाह मेरा है और भगवान् भी मेरा है.
10 – जिसको भगवान् अच्छा लगता हैं, भगवान् को वो अच्छा लगता है


ये आध्यात्मिक विचार आपको कैसे लगे हमें कमेंट करके जरूर बताइये और यह विचार आप अपने सगे सम्बन्धियों और मित्रों के साथ भी जरूर शेयर कीजिये| yogeshvarmaharaj  से जुड़े रहिये और नयी जानकारियां अपने ईमेल पर प्राप्त करने के लिए हमें सब्स्क्राइब करें..Subscribe करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Tuesday, March 20, 2018

jay ho ............

    Arjun Jo Shastra with Karam Karna Karthavyam Usi Bhavishya Shakti aur
Pal Ka Pyar Karke Kiya jata hai wahi Satwik Tyag Mana jata hai       
                 

त्याग सात्विक राजस और तामस भेद से 3 प्रकार का कहा गया है


जो कुछ कर्म है वह सब दुख रूपी है ऐसा समझकर यदि कोई शरीरिक प्लेस के भय से कर्तव्य कर्मों का त्याग कर दें तो वह ऐसा राजस्व याद करके त्याग के फल को किसी प्रकार भी नहीं पाता

बुद्धिमान पुरुषों को दुष्टा स्त्रियों का कभी विश्वास नहीं करना चाहिए जो मूर्ख इनका विश्वास करता है उसे दुखी होना पड़ता है


क्षमा दम दया दान नीलू बता स्वाध्याय सरलता अनुसूया तीर्थ का अनुसरण सत्य संतोष आस्तिक क्या इंद्रियनिग्रह देवार्चन विशेषकर ब्राह्मणों का पूजन अहिंसा प्रिय वादिता रुचिता और UP 10 उंगली ना करना इन सभी को चारों आश्रमों का सम्मान समान धर्म स्वीकार किया गया है


eksg के कारण उसका त्याग कर देना तामस क्या कहा गया है

यज्ञ दान और तप रूप कर्म त्याग करने योग्य नहीं है बल्कि वह तो अवश्य कर्तव्य है जो कि यज्ञ दान और तब यह तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करने वाले हैं



जो मनुष्य अकुशल कर्म से तो दो ऐसे नहीं करता और कुशल कर्म में आसक्त नहीं होता वह शुद्ध सत्व गुण से युक्त पुरुष संशय रहित बुद्धिमान और सच्चा त्यागी है



100 मालिक एक हजार और 1000 वाला व्यक्ति लाख की पूर्ति में लगा रहता है जो लाक्षादि पति है वह राज्य की इच्छा करता है और जो राजा है वह संपूर्ण पृथ्वी को अपने वश रखना चाहता है और जो चक्रवर्ती नरेश है राजा है वह देवत्व की इच्छा करता है और देवत्व पद के प्राप्त होने पर उसकी अभिलाषा देवराज इंद्र के पद के लिए होती है और देवराज होने पर वह पूर्णगतकी कामना करता है फिर भी उसकी तृष्णा शांत नहीं होती तृष्णा से पराजित व्यक्ति नरक में जाता है जो लोग तृष्णा से मुक्त हैं उन्हें उत्तम लोक की प्राप्ति होती है !


जय श्री कृष्णा जय श्री श्याम प्यारे दोस्तों नमस्कार फिर मिलेंगे लाइक करो ना करो इसके लिए चिंता मुझे नहीं

हमें चिंता नहीं उन्हें चिंता हमारी है हमारी नाव के खेवन सुदर्शन चक्र धारी हैं



1) मन ही मनुष्य को स्वर्ग या नरक में बिठा देता है। स्वर्ग या नरक में जाने की कुंजी भगवान ने हमारे हाथ में दे रखी है। – स्वामी शिवानन्द / Swami Shivanand


2) अपनी नम्रता का गर्व करने से अधिक निंदनीय और कुछ नहीं है। – मारकस औरेलियस
“मनुष्य तो दुर्बलताओं की प्रतिमा है जिसमें देवत्व और दानवत्व दोनों का ही समावेश है।”
4) भगवान ने मनुष्य को अपने ही समान बनाया, पर दुर्भाग्य से इन्सान ने भगवान को अपने जैसा बना डाला। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
5) मानव का दानव होना उसकी हार है। मानव का महामानव होना उसका चमत्कार है और मनुष्य का मानव होना उसकी जीत है। – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन / Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
6) माँ के ममत्व की एक बूंद अमृत के समुद्र से ज्यादा मीठी है। – जयशंकर प्रसाद /Jaishankar Prasad
7) तुम ये कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना तो सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; की, ये कहना तुम निर्बल हो या अन्य लोग निर्बल हैं। – स्वामी विवेकानंद / Swami Vivekananda
“निरंतर विकास जीवन का एक नियम है। और जो भी व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को एक गलत स्थिति में पंहुचा देता है।”
9) जब तक हम खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक हम भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते। – स्वामी विवेकानंद / Swami Vivekananda
10) जो पुत्र पैदा ही न हुआ हो अथवा पैदा होकर मृत हो अथवा मुर्ख हो। इन तीनों में पहले दो ही बेहतर हैं। न की तीसरा, कारण यह है की प्रथम दोनों तो एक बार ही दुःख देते हैं। जबकि तीसरा पद-पद दुःखदायी होता है। – हितोपदेश.
11) मृत्यु वह सोने की चाभी है, जो अमरत्व के भवन को खोल देती है। – मिल्टन / Militant
12) मेरी खुद की अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
13) मौन वार्तालाप की एक महान कला है। – हैजलट
14) अपने रहस्य को किसी को मत बताओ, ये आदत आपको ख़त्म कर देंगी। – चाणक्य सुविचार
“आप अगर ऐसा सोचते हो, की सब कुछ अच्छा होगा, तो जरुर वाही होगा।
16) वह जो अपने प्रियजनों से अत्यधिक जुड़ा हुआ है। उसे चिंता और भय का सामना करना पड़ता है। क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है। इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ दीजिये। – चाणक्य अच्छे विचार
17) सुंदर विचार जिनके साथ हैं। वे कभी एकांत में नहीं हैं। – सर पी. सिडनी / Sir P. Sidney
18) विद्या के अलावा और कोई ज्ञान नहीं है। – थामस फुलर / Thomas Fuller
19) जैसे सूर्य सबको एक-सा प्रकाश देता है। बरसात सबके लिए बरसती है। उसी तरह विद्यावृष्टि सब पर बराबर होनी चाहिए। – महात्मा गांधी / Mahatma Gandhi
20) एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी तरह बेकार है जैसे कुत्ते की पूँछ होती है। जो ना उसके पीछे का भाग ढकती है। ना ही उसे कीड़े-मकौडों के डंक से बचाती हे। – चाणक्य सुविचार / Chanakya quotes
21) “कृत्रिम सुख की बजाये, हमेशा ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।” – Abdul Kalam / अब्दुल कलाम
22) आप अभी वो हैं जो आप रह चुके हैं। आप बाद वो होंगे जो आप अभी करेंगे। – भागवान बुद्ध / Lord Buddha
23) युद्ध के लिए तैयार रहना शांति स्थापित रखने के लिए एक बहुत प्रभावशाली साधन है। – वाशिंग्टन / Washington
“शिक्षा का महानउद्देश्य ज्ञान नहीं, कर्म है।”
25) सज्जनों का यह लक्षण है कि वे सदैव दया करनेवाले और करुणाशील होते हैं। – महाभारत / Mahabharat
26) सज्जन पुरुष की वास्तविक परिभाषा यही है कि वह कभी किसी पुरुष को पीड़ीक नहीं करता। – सी. न्यूमैन
27) हम यहाँ किसी विशेष कारण से हैं। इसीलिए अपने भूत का कैदी बनना छोड़िये। अपने भविष्य के निर्माता बनिए। – रोबिन शर्मा / Robin Sharma
28) जो लोंग मन को नियंत्रित नहीं करते। उनके लिए मन शत्रु के समान कार्य करता है। – श्रीमद्भगवद्गीता / Srimadbhagwadgita
29) बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, सबसे आगे सोचो, विचारों पर किसी का भी एकाधिकार नहीं है। – धीरूभाई अंबानी / Dheerubhai Ambani
30) अपना बोझ दुसरे पर न लादना और बिना संकोच दान करना बड़े साहस का काम है। – जुन्नेद / Junaid
31) छोटी चीजों में बारे हमेशा वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित होती है। – मदर टेरेसा / Mother Teresa quotes
32) बेहतर यही होगा कि आप कोशिश करें शायद इसमे आप नाकामयाब हो जाएं और उससे कुछ सीखें बजाये इसके की आप कुछ करें ही नहीं। – मार्क जकरबर्ग / Mark Zuckerberg
33) गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। – सरदार वल्लभभाई पटेल / Sardar Vallabhbhai Patel
34) सेवा से शत्रु भी मित्र हो जाता है। – वाल्मीकि / Valmiki
35) यदि कोई दुर्बल मानव तुम्हारा अपमान करे तो उसे क्षमा कर दो, क्योंकि क्षमा करना ही वीरों का काम है। परंतु यदि अपमान करने वाला बलवान हो तो उसको अवश्य दण्ड दो। – गुरु गोविन्दसिंह / Guru Gobind Singh
“क्षमा से क्रोध को जीतो, भलाई से बुराई को जीतो, दरिद्रता को दान से जीतो और सत्य से असत्यवादी को जीतो।”
37) दानी कभी दुःख नहीं पाता, उसे कभी पाप नहीं घेरता। – ॠग्वेद / Rigved
38) कोई इन्सान दो आदमियों की एकनाथ खिदमत नहीं कार सकता; चाहे प्रभु की उपासना कर लो, चाहे कुबेर की। – बाइबिल / Baibal
39) न्याययुक्त व्यवहार करना, सौंदर्य से प्रेम करना तथा सत्य की भावना को ह्रदय में धारण करके विनयशील बने रहना ही सबसे बड़ा धर्म है। – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन / Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
40) दोष निकलना सुगम है, उसे अच्छा करना कठिन। – प्लूटार्क / Plutarch
41) गुरु का भी दोष कह देना चाहिए। – स्वामी रामतीर्थ / Swami Ramtirth
42) धीरज सारे आनंदों और शक्तियों का मूल है। – फ्रैंकलिन / Franklin
“धैर्य कडुवा होता है, पर उसका फल मीठा होता है।”
44) असफलता नहीं, अपितु निकृष्ट ध्येय ही अपराध है। – जे. आर. लावेल
45) महान ध्येय का मौन में ही सृजन होता है। – साने गुरूजी / Sane Guruji
46) नम्रता पत्थर को भी माँ कर देती है। – प्रेमचन्द / Premchand
47) नम्रता सारे सद्गुणों का दृढ़ स्तम्भ है।- कन्फ्युशन / Confucius
48) मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है। – रवीन्द्रनाथ ठाकुर / Rabindranath Thakur
49) नारी शांति की प्रतिमा है, उसे उच्च पद से नीचे गिराना केवल जंगलीपन है। – रफोडियस
50) विश्व में कोई वस्तु इतनी मनोहर नहीं। जितनी कि सुशील और सुंदर नारी। – Hant
Note: अगर आपके पास अच्छे नए विचार हैं तो जरुर कमेन्ट के मध्यम से भजे अच्छे लगने पर हम उस 50 सुविचार – अच्छे विचार / Achhe Vichar इस लेख में शामिल करेगे।
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विश्वकर्मा जी के 108 नाम

 भगवान विश्वकर्मा जी के 108 नाम उनके विभिन्न गुणों, क्षमताओं और दिव्यता को दर्शाते हैं। यहाँ विश्वकर्मा जी के 108 पवित्र नामों की सूची दी गई...