Wednesday, May 16, 2018

Anmol vichar ten



  1. अगर जीवन में समृद्धि (growth) और सफलता (success) चाहिये तो सबसे पहले आलस्य का (sacrifice your laziness) त्याग करो।

  1. माता-पिता (parents) का अपनी संतान (childrens) के लिये,गुरुजनों (teachers) का अपने शिष्यों (students) के लिये,देशभक्तों (patriots) का अपने देश (राष्ट्र- country) के लिये प्रेम ही सच्चा प्रेम (true love) है।
  1. किसी रोगी (patient) को आरोग्य (health) देना एक सच्ची सेवा (true service) है।
  1. हमारे सुख-दुःख का कारण कोई अन्य व्यक्ति (other problem) या परिस्थियां (situation) नहीं बल्कि हमारे अच्छे एवं बुरे विचार (our good or bad thoughts) ही होते हैं।
  1. मैं जब तक जीयूंगा देश के लिये समर्पित (dedicated to my country) रहूँगा और देश के हित (for my country) में कुछ भी करना पड़े तो जरूर करूँगा।
  1. आहार (diet) से मानव का स्वभाव और प्रकृति (tendency and nature) प्रभावित होती है,शाकाहार (vegetarian) से स्वभाव शांत और गंभीरता (calm and serious) आती है जबकि मांसाहार (non-veg) से मानव हिंसक और उग्र (angry and aggressive) बनता है।

  1. अपने अतीत (future) को कभी मत (never forgot) भूलो,अतीत का स्मरण (always remember your past) हमे गलतियाँ दोहराने (repeating same mistake) से बचाता है।

  1. जीवन को छोटे लक्ष्यों (small targets) को समर्पित करना, जीवन का अपमान (insult) है।
  1. माता-पिता (parents) से बड़कर ना ही कोई पूजा (prayer) है और ना ही कोई धाम है। इस धरती पर माता-पिता (parents are god) ही भगवान हैं।
  1. बिना कर्म (work) के जीवन का कोई अस्तित्व (no presence) नहीं है अतः हमेशा अपना कर्म (always do your work) करते रहें।


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