- अगर जीवन में समृद्धि (growth) और सफलता (success) चाहिये तो सबसे पहले आलस्य का (sacrifice your laziness) त्याग करो।
- माता-पिता (parents) का अपनी संतान (childrens) के लिये,गुरुजनों (teachers) का अपने शिष्यों (students) के लिये,देशभक्तों (patriots) का अपने देश (राष्ट्र- country) के लिये प्रेम ही सच्चा प्रेम (true love) है।
- किसी रोगी (patient) को आरोग्य (health) देना एक सच्ची सेवा (true service) है।
- हमारे सुख-दुःख का कारण कोई अन्य व्यक्ति (other problem) या परिस्थियां (situation) नहीं बल्कि हमारे अच्छे एवं बुरे विचार (our good or bad thoughts) ही होते हैं।
- मैं जब तक जीयूंगा देश के लिये समर्पित (dedicated to my country) रहूँगा और देश के हित (for my country) में कुछ भी करना पड़े तो जरूर करूँगा।
- आहार (diet) से मानव का स्वभाव और प्रकृति (tendency and nature) प्रभावित होती है,शाकाहार (vegetarian) से स्वभाव शांत और गंभीरता (calm and serious) आती है जबकि मांसाहार (non-veg) से मानव हिंसक और उग्र (angry and aggressive) बनता है।
- अपने अतीत (future) को कभी मत (never forgot) भूलो,अतीत का स्मरण (always remember your past) हमे गलतियाँ दोहराने (repeating same mistake) से बचाता है।
- जीवन को छोटे लक्ष्यों (small targets) को समर्पित करना, जीवन का अपमान (insult) है।
- माता-पिता (parents) से बड़कर ना ही कोई पूजा (prayer) है और ना ही कोई धाम है। इस धरती पर माता-पिता (parents are god) ही भगवान हैं।
- बिना कर्म (work) के जीवन का कोई अस्तित्व (no presence) नहीं है अतः हमेशा अपना कर्म (always do your work) करते रहें।
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