हे कान्हा,
न तेरी अदा समझ में आती है न आदत,
तू हर रोज़ नया सा, मैं हर रोज़ वही उलझा सा
।।।।।श्री राधे।।।।।
आज भी हर* *समस्या का अंतिम हल*
*" माफ़ी " ही है !*
*कर दो या माँग लो !*
*उसकी कदर करने में देर मत करना,*
*जो इस दौर में भी आपको वक़्त देता हो,,,,*
*खुदा से मेरी एक ही दुआ है*
*महंगी घड़ी सबको दे देना* !
*लेकिन.....*
*महंगी घड़ी सबको दे देना* !
*लेकिन.....*
*"मुश्किल घड़ी" किसी को न देना......
*वो 'पत्ता' आवारा न बनता तो क्या करता..!*
*न हवाओं ने बख्शा, न शाखों ने पनाह दी..!!*
*न हवाओं ने बख्शा, न शाखों ने पनाह दी..!!*
*" जिसे जीना आता है वह बिना किसी सुविधा के भी खुश मिलेगा "*
*" जिसे जीना नही आता वह सभी सुविधाओ के होते हुए भी दु:खी मिलेगा "*
*" जिसे जीना नही आता वह सभी सुविधाओ के होते हुए भी दु:खी मिलेगा "*
एक कविता ऐसी लिखूं....जो तेरी आँखों में दिखाई दे.......
जो आँखें बंद भी करलू तो तुझे सांसो में सुनाई दे..
जय श्री श्याम✍️✍️✍️
जो आँखें बंद भी करलू तो तुझे सांसो में सुनाई दे..
जय श्री श्याम✍️✍️✍️
अभिमान" की ताकत फरिश्तो को भी "शैतान" बना देती है, और*
*"नम्रता" साधारण व्यक्ति को भी "फ़रिश्ता" बना देतीहै ।*
*मित्रता एवं रिश्तेदारी*
सम्मान की नही*
भाव की भूखी होती है.
बशर्तें लगाव*
दिल से होना चाहिए*
दिमाग" से नही.*
🙏सुप्रभात🙏
*5 छिद्रों वाले घड़े को कैसे भरेंगे ?*
*गुरु ने मुस्कान के साथ उत्तर दिया पानी में ही डूबा रहने दो ;भरा ही रहेगा !*
*इसी तरह हमारी 5 इन्द्रियाँ परमात्मा में ही डूबी रहेंगी तो संसार क्या बिगाड़ लेगा*
*तन की जाने, मन की जाने,*
*जाने चित की चोरी ।*
*उस प्रभु से क्या छिपावे*
जिसके हाथ है सब की डोरी
🙏सुप्रभात🙏
*पाँव नही दिखते है , लेकिन दौड़ मुसीबत में आता है*
*हाथ नही दिखते , लेकिन सिर पे हाथ फिराता है*
*🙏जय श्री श्याम*🙏
*हाथ नही दिखते , लेकिन सिर पे हाथ फिराता है*
*🙏जय श्री श्याम*🙏
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